गरीबी
गरीबी
कौन चाहे होने को ऐसा
परिवार तो है सबके लिए अनमोल गहना
भूखा पेट, परेशानियों का है यह कैसा सिर पर भारा
मजबूरियों से घिरा है जीवन हमारा
बच्चे बड़ों का है उदास चेहरा
देखकर आंसू का है छाया साया
दिल के धनी होने से ना होती है इज्जत समाज में यारा
पैसों का ही तो है हर जगह बोलबाला
कहां जाए लाचार भूखा प्यासा
दुनिया ने उठाया इसके बुरे वक्त का फायदा
भगवान से मांगे वह उसका सहारा
अपने परिवार की खुशियों के लिए
उसकी मदद करें वह दीनदयाला
हाथ अपना रखे उसके सिर पर भी प्यारा
बोले वह एक वाक्य भगवान से हर दिन दुपहरा
किसी को ना बनाए कभी गरीब ऊपर वाला।।