Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021
Comedy
"कविता की व्य...
“अपनी आवाज”
"अकेले चल पड़ो...
“लहू के एक रं...
"रहना नहीं तु...
" भारतक उत्था...
"तुम्हारा साथ...
“खुशियों का च...
“फेसबुक के बग...
“ राम की भूमि...
हम तनि सहलाव खूब पुचकार रहे, चचा मुस्काव, चची घबरात हमारी। हम तनि सहलाव खूब पुचकार रहे, चचा मुस्काव, चची घबरात हमारी।
कविता हमारे और आपके मन के। भाव का सहज उद्गार होती है।। कविता हमारे और आपके मन के। भाव का सहज उद्गार होती है।।
सोचो कैसे करते किसी एक को चूज ! सोचो कैसे करते किसी एक को चूज !
अभी दो घंटे लंबा उनका प्रोग्राम है जय हो गंगा मैया चलो कुछ तो आराम है। अभी दो घंटे लंबा उनका प्रोग्राम है जय हो गंगा मैया चलो कुछ तो आराम है।
एक थे मिस्टर नटवरलाल, सिर पर उनके नहीं थे बाल। एक थे मिस्टर नटवरलाल, सिर पर उनके नहीं थे बाल।
जाने कैसा रंग छाया है। कोई इज्जत नहीं रही, राइटर, बैल, बारात की। जाने कैसा रंग छाया है। कोई इज्जत नहीं रही, राइटर, बैल, बारात की।
जब से व्हाटसप आया है, उसके बाद से हर कोई, ज्ञानी हो गया है। जब से व्हाटसप आया है, उसके बाद से हर कोई, ज्ञानी हो गया है।
देखते ही सतर्क हो जाता है दिमाग .. याद दिलाता है तुम्हारा संग साथ देखते ही सतर्क हो जाता है दिमाग .. याद दिलाता है तुम्हारा संग साथ
फागुन की शाम मजनू निकला लैला की तलाश में फागुन की शाम मजनू निकला लैला की तलाश में
चाय की ससुराल गरीब थी इसलिए उसकी चाल मंदी थी चाय की ससुराल गरीब थी इसलिए उसकी चाल मंदी थी
फिर भी तुम्हें ये ज्यादा लग रहा है तो कोई बात नहीं, फिर भी तुम्हें ये ज्यादा लग रहा है तो कोई बात नहीं,
अतिथि कोई आ रहा गीत मधुरं गा रहा सोचने की आवश्यकता नहीं अतिथि कोई आ रहा गीत मधुरं गा रहा सोचने की आवश्यकता नहीं
अरे, नैनन सों रंग बरसाय गई, इक छोरी बरसाने की ।। अरे, नैनन सों रंग बरसाय गई, इक छोरी बरसाने की ।।
'मांगो जो मांगना है ' राजा जी हैं बड़े दिलदार 'मांगो जो मांगना है ' राजा जी हैं बड़े दिलदार
उसके बच्चों के प्रशस्ति गान से घर गूंज जाता था उसके बच्चों के प्रशस्ति गान से घर गूंज जाता था
मैं छत से गिरकर मर जाऊंगा, वीर शहीदों में गिना जाऊंगा। मैं छत से गिरकर मर जाऊंगा, वीर शहीदों में गिना जाऊंगा।
कि देश में आपात काल का कारण भी तुम्ही हो। कि देश में आपात काल का कारण भी तुम्ही हो।
और हमारा प्यार सदा पवित्र बना रहे शुद्ध वनस्पति घी की तरह। और हमारा प्यार सदा पवित्र बना रहे शुद्ध वनस्पति घी की तरह।
पीछे मुड़कर देखा जब भीड़ की हालत फिर ऐसा लगा... जैसे कुछ हुआ ही न हो। पीछे मुड़कर देखा जब भीड़ की हालत फिर ऐसा लगा... जैसे कुछ हुआ ही न हो।
कौन कहता है कि तुझको भुला रक्खा है तुझे तो हर्ट में ही ब्लड सा छुपा रक्खा है। कौन कहता है कि तुझको भुला रक्खा है तुझे तो हर्ट में ही ब्लड सा छुपा रक्खा है...