गणतंत्र गौरव दिवस
गणतंत्र गौरव दिवस
सुभाष, भगत, तिलक, लक्ष्मीबाई,
कुर्बानी को स्मृतियों को जीवंत कर,
श्रृद्धा भाव के सुमन अर्पित कर जाएँ,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
गुलामी की जंजीरों को तोड़कर,
अंग्रेजों से जटिल आजादी पाई है,
१९५० संविधान को हम अपनाएँ,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
विश्व में श्रेष्ठता के लिए जाना जाए,
सिरमौर जिसका हिमालय गिरि है,
चरणों में हिन्द महासागर लहराए,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
जन गन मन का होता अभिनंदन,
पंजाब , सिंध, गुजरात, मराठा है,
विंध्याचल, यमुना, गंगा मिलाएँ,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
बंग, सौराष्ट्र की मजबूत भुजाएँ,
कीर्तिमान का नित ध्वज लहराएँ,
कश्मीर कन्याकुमारी के स्पर्श से,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई ,
रंग रंगीली वसुन्धरा को सजाएँ,
विश्वबन्धुत्व के नवल अध्यायों से,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
भूले-भटके बिखरे हुए मोतियों को,
उन्नत राहों की ओर प्रेरित करके,
मन की कुंठाओं को छिन्न भिन्न कर,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
भ्रमित आक्रांताओं के निवारण से,
सच्ची आजादी हम सबको पानी है ,
अमूल्य धरोहर तिरंगे का मान बढ़ाएँ,
आओ गणतंत्र गौरव दिवस मनाएँ।
