गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र एक दिवस ही नहीं,
देशवासियों का सम्मान है।
राष्ट्रध्वज पर जान गँवा दें,
ऐसे लाखों वीर जवान हैं।
आते ही राष्ट्र की बारी,
मस्तक उच्च हो जाता है।
इस तिरंगे को देखते ही,
जोश नया आ जाता है।
लोकतांत्रिक मेरे देश की,
अनोखी ही शान है।
इस देश पर मेरा तो,
यह जीवन कुर्बान है।
अधिकार ही नहीं, कर्तव्य भी जाने,
अपने कर्मों को पहचाने।
भारत केवल एक का नहीं,
सभी इस को अपना माने।
तिरंगा ऊंचा रहे सदा,
शान इसकी रहे निराली।
हर हिंदुस्तानी मनाता रहे,
मिलकर दशहरा और दीवाली।
गणतंत्र प्राप्ति मिलने से,
मिला नया उत्कर्ष।
अनगिनत लोगों ने किए,
इसके लिए कई संघर्ष।
इस देश के सम्मान को,
कम न होने दे कभी।
आओ मिलकर प्रण ले,
आज फिर से हम सभी।
आज फिर से हम सभी।
क्रमांक-2
