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Meenakshi Kilawat

Abstract

4.8  

Meenakshi Kilawat

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गणपति लंबोदराय रे

गणपति लंबोदराय रे

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मूषक वाहन है प्रतिपाला, जयजय गौरी तनया

विज्ञान भरा है तुझ में तुम हो परम गुह्यका दाता

हर्षित करें मोदक तुम को गणपति लंबोधराय रे!!


तुझ में है चौदह वेद चौसष्ट कलाये बाप्पा

परी भ्रांति है तेरी माया ख्याती तेरी उँची  

साथ में रखते मूषक को महा गणपति लंबोदराय रे!!


सुखकर्ता दुखहर्ता श्रीगणेशा विघ्न विनाशका

गजमुख वक्रतुंड रिद्धि सिद्धिके तुम दाता 

जग में कई नाम तुम्हारे विघ्नहर्ता महानायकाय रे !!


तुम्हें खिलाते भक्त तुम्हारे मोदक और लाडू

करुणा बरसा कर देते तुम वरदहस्त मंगलकारी 

कहलाते लाडले शिवपार्वती के सुकुमार रे !!



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