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Kajal Nayak

Romance Others

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Kajal Nayak

Romance Others

गणित के सवालों सा उलझा

गणित के सवालों सा उलझा

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202

गणित के सवालों सा उलझा हुआ मैं

व्यर्थ चिंतित होकर सारा दिन खोजता

रहता हूँ हल,

और तुम,

तुम सहज किसी बाल गीत की तरह

जिसे पढ़कर होती रही चिंताएं दूर मेरी

जिसे देखने भर से आ जाती मेरे

अधरों पर

मुस्कुराहट.....


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