गन्ने कब बोलते हैं!
गन्ने कब बोलते हैं!
बंद कर मोटर अपने खेत की
जा रहा था बिखरे पानी से बचता-बचाता मैं।
इक नए उगे गन्ने ने पूछ लिया कि
सातवां समुद्र और सातवां आसमान
क्या आस-पास है?
स्वर सुन चौंक गया मैं।
चारों तरफ खोजी निगाहों से तलाश लिया,
हाँ! खामोशी ही पसरी थी,
वह अकेला एक ही बोला था।
और खोद कर मिट्टी उस गन्ने के आधार की,
उसे उखाड़ कर चूस लिया मैंने।
आखिर गन्ने चूसे जाने के लिए ही होते हैं,
बोलने के लिए नहीं।