गमगीन
गमगीन
इतने गमगीन हो
कोई बात तो है !
तुम तो बेहतरीन हो
उतने ही शालीन हो
कभी दुख नहीं दिखाते
प्यार को भी नहीं छिपाते
क्या गुजरा है तुमपे
सोचने की बात तो है !
कोई साथ नहीं देता
अपना हाथ नहीं देता
मिटा दिया, जिनको सजाने मे
लूटा दिया , जिनपे खजाने से
गुजरती है ज़िसपे वही जानता है
हाँ, मगर सोचने की बात तो है ।
