गजल: जिंदगी में तेरी कमी सी है
गजल: जिंदगी में तेरी कमी सी है
जिंदगी में तेरी कमी सी है
मेरी आंखों में कुछ नमी सी है
तनहा तन्हा ये दिन गुजरता है
रात भी कुछ थमी थमी सी है
दिल संभाले नहीं संभलता है
गर्द यादों की जमी जमी सी है
कैसे बतलाऊं हाल ए दिल अपना
तू जो इतनी तनी तनी सी है
लाखों होंगे तेरे चाहने वाले
मेरे दिल को बस तू जमीं है
जिंदगी में तेरी कमी सी है
मेरी आंखों में कुछ नमी सी है।

