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Sajida Akram

Abstract

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Sajida Akram

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गजगामिनी

गजगामिनी

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गजगामिनी चली है आज,

अपने नन्हे गजराज के साथ,

नन्हे गजराज ने रखा है,

दुनिया में पहला क़दम।


मां गजगामिनी ने संभाला है,

नन्हें गजराज को सूण्ड से,

सहारा देकर चली है,

मां गजगामिनी ले चली आज।


नन्हा गजराज चला है, 

ठुमक-ठुमक कर रखा है,

पहला क़दम

मा गजगामिनी ले चली आज

गजराज को है विश्वास।


करता माँ पर विश्वास ,

माँ गजगामिनी ले चली आज ,

गजराज करे है माँ के क़दमों से ,

पद ताल माँ पर करता अटूट विश्वास,

माँ गजगामिनी ले चली आज ...।



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