घर
घर
देवता का घर हो या हो इंसानो का या प्रकृति का,
प्यार और विश्वास रहे तो घर भी स्वर्ग बन जाते हैं,
साफ़ सुथरा करके रखना कर्त्तव्य है हमारा
सकारात्मक ऊर्जा से जो भरना है घर को !
तो फिर क्यों रहे खुद से दूर?
खुद भी तो एक घर ही हो ?
उसे सुन्दर रखना फ़र्ज़ है तुम्हारा
कभी गौर किया है क्या इस बात को...?
नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालो
क्यों रहने देते हो अपने अंदर ?
प्यार और विश्वास थोड़ा इस घर पर भी बरसाओ
सुन्दर हो जाओगे तुम और पूरा संसार !