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Ashok Goyal

Romance

4  

Ashok Goyal

Romance

ग़ज़ल :-

ग़ज़ल :-

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वो हर बात आँखों से फ़रमा रहे हैं

कि नज़दीक आने से कतरा रहे हैं।


हमारी मोहब्बत, वो दिलवर हमारे

ग़ज़ब है कि हमसे ही शरमा रहे हैं।


समझते हैं नादाँ, तो कमसिन हमें वो

अदाओं से अपनी यूँ बहला रहे हैं।


मोहब्बत का शायद असर हो रहा है

कि तस्वीर पर अपनी झुँझला रहे हैं।


चलाया है ऐसा मोहब्बत का जादू

ज़माने को मन्ज़िल से भटका रहे हैं।


वो नशे में डूबे हुए मेरी जानिब

ख़रामा ख़रामा चले आ रहे हैं।


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