घबराते नहीं कभी हार से
घबराते नहीं कभी हार से
हौसलों के तरकस में हम कोशिश के बाण रखते हैं,
घोर अंधकार में भी अपने रास्ते खुद ही ढूंढ लेते हैं,
मन में उजाला रखते हम विश्वास स्वयं पर करते हैं,
सर पे बांध कफ़न बंद मुट्ठी में जोश लेकर चलते हैं
लक्ष्य तक पहुंचने का जूनून हो अगर दिल में,
तो मुश्किलों की औकात नहीं जो हमें गिरा दे,
राह में चलते लड़खड़ाते हैं ज़रूर कदम हमारे,
पर संभलते हैं खुद रहते ना किस्मत के सहारे,
पांव जमाए रखते हैं चाहे हो कहीं भी दलदल,
हर तूफ़ान से लड़ने को तैयार रहते हैं हर पल,
घबराते नहीं कभी हार से रखते दिल में जोश,
चाहे टूटे जितने भी ख्वाब खोते न कभी होश,
मेहनत के रंग भरते हैं किस्मत की लकीरों में,
करते कर्म पर विश्वास नहीं करते तकदीरों में,
अपनी तकदीर हम खुद ही बनाते मेहनत से,
आसमां छूने का भी हौसला रखते हिम्मत से,
डूबने नहीं देते हैं हम कभी उम्मीद की कश्ती,
सागर से मोती निकाल लाए जो ऐसी है हस्ती,
थकते नहीं हम जब तक मंजिल न मिल जाए,
रुकते नहीं हैं जब तक सफ़र पूरा ना हो जाए।