गांधी का गांव
गांधी का गांव


गांधी ने कहा था,
भारत बसता है गांव में।
परंतु,
कहां रहे खेत व खलिहान,
या चौपाल?
जहां ली जाती थी
सुध-बुध सबकी।
किसानों ने
बेच दी जमीन
उद्योगों को।
नये सपना संजोये
चल पड़े शहर की ओर।
ऐसे में कहा याद रहा
हर चमकती चीज
सोना नहीं होती।
संघर्षों की तपिश ने
दिन में दिखाये तारे।
न हाथ लगा घर
न मिला किनारा नाव को
बजता है दूर कहीं गीत-
'सीने में जलन
दिल में ये तूफान सा क्यों है ?
इस शहर में हर शख्स
परेशान सा क्यों है ?