फ़ैन हूँ ग़ालिब
फ़ैन हूँ ग़ालिब
फैन हूँ ग़ालिब तिरा मैं
मीर हूँ तालिब तिरा मैं
जौन को पढ़ कौन समझा
जौन हूँ जालिब तिरा मैं
देन हैं लफ़्ज अकबर की
जौक हूँ कालिब तिरा मैं
हासिल किया हुनर जो
ज़फ़र हूँ जानिब तिरा मैं
असर हैं ये मुझ पर तिरा
दाग़ हूँ साहिब तिरा मैं।