एक वादा
एक वादा
किसी से वादा किया था वो ही मैं निभा रहा हूं
अपनी ही महफ़िल में रोकर गाना में गा रहा हूं
टूटा हुआ हूं,टूटे हुए एक परिंदे के पर की तरह,
फ़िर भी दुनिया में,मैं मुस्कुराता ही जा रहा हूं
गम है इस कदर की तू पूंछ ही मत हमें साकी़
आजकल में अपने ही आंसुओं से नहा रहा हूं
तू क्या ये सारी दुनिया ही हमें बेवफा लगती है
टूटे शीशे से फ़िर भी सबको देखता जा रहा हूं
अजब सी मेरी दास्तां है,एक वादे के लिये में,
पूरी ही जिंदगी को ही दांव पर लगा रहा हूं
मोहब्ब्त ए वतन भी अजीबोगरीब है साकी़, मैं,
तेरे वादे के लिए ख़ुद को ही जलाता जा रहा हूं
विजय हो चाहे पराजय हो,राह में फूल हो चाहे कांटे हो,
तेरे एक बेवफ़ा वादे के लिये
साकी़ की लाश को कंधे पे ढोता ही जा रहा हूं।"