Prashant Bebaar
Abstract Inspirational
एक तवील मुद्दत से मैं
कल का इंतज़ार कर रहा हूँ,
जाने कितनी रातों से
इसी सुबह की बात कर रहा हूँ।
लोग बैठे हैं ...
हौसला
फूल दिल तक़दी...
प्यास हूँ सहर...
कार के शीशे म...
ऐसे भी ग़म होत...
कोई तदबीर हो ...
जागी पलकों पे...
मीलों की दूरी...
आँखों में जो ...
श्रद्धा के यह भाव सुमन, आप सभी को अर्पण करती हूँ। श्रद्धा के यह भाव सुमन, आप सभी को अर्पण करती हूँ।
हर शख्स आज छुपाये है अंदर एक अनकही कहानी। हर शख्स आज छुपाये है अंदर एक अनकही कहानी।
नहीं समझती थी कि अपना बनाना पड़ता है, नई जगह जाकर परायों को अपनाना पड़ता है! नहीं समझती थी कि अपना बनाना पड़ता है, नई जगह जाकर परायों को अपनाना पड़ता है!
राम चरित्र नहीं कोई जन पावा, सब मंदिर से मस्जिद सिर नावा... राम चरित्र नहीं कोई जन पावा, सब मंदिर से मस्जिद सिर नावा...
सूरज पर उसका डाला हुआ पर्दा जल रहा है सूरज पर उसका डाला हुआ पर्दा जल रहा है
मगर अच्छा होता हम पहले इंसान तो बन पाते। मगर अच्छा होता हम पहले इंसान तो बन पाते।
क़ैद कर लेने की फ़ितरत हो जिसकी उसको क़ैद बड़ी ख़लती! क़ैद कर लेने की फ़ितरत हो जिसकी उसको क़ैद बड़ी ख़लती!
जिन्दगी को थोड़ा आसान बनाते है आओं इसे अपनी उँगलियों पर नचाते हैं। जिन्दगी को थोड़ा आसान बनाते है आओं इसे अपनी उँगलियों पर नचाते हैं।
हो पांचजन्य की रूद्र गर्जना और विजय संग्राम करो। हो पांचजन्य की रूद्र गर्जना और विजय संग्राम करो।
अपनी हर खुशियां वो मिला देती है रसोई में। अपनी हर खुशियां वो मिला देती है रसोई में।
मैं अधर्म से लड़ने हथियार ले चल पड़ाI मैं अधर्म से लड़ने हथियार ले चल पड़ाI
निराशा भरे इस जीवन में, तुमसे ही आशा की किरण जगी। निराशा भरे इस जीवन में, तुमसे ही आशा की किरण जगी।
कोमल है कमजोर नही है, जग की जननी नारी है, ये ही सृष्टचक्र चलाती, मृत्यु इससे हारी है। कोमल है कमजोर नही है, जग की जननी नारी है, ये ही सृष्टचक्र चलाती, मृत्यु इससे ...
जहाँ मैं हूँ मुझे वही रहने दो कोई नया मुकाम हासिल नही करना! जहाँ मैं हूँ मुझे वही रहने दो कोई नया मुकाम हासिल नही करना!
इसीलिये डोर पकड़ो पर ज़ोर से नहीं खींचो भी पर कमज़ोर छोर से नहीं। इसीलिये डोर पकड़ो पर ज़ोर से नहीं खींचो भी पर कमज़ोर छोर से नहीं।
तुमसे लगाकर दिल अक्सर पछताए बहुत हैं इश्क़ बेपर्दा न हो अश्क हम छुपाये बहुत हैं! तुमसे लगाकर दिल अक्सर पछताए बहुत हैं इश्क़ बेपर्दा न हो अश्क हम छुपाये बहुत ह...
यह आलम शराबियों का, पर तेरी आँखों से था जाम पीना। यह आलम शराबियों का, पर तेरी आँखों से था जाम पीना।
क्या हुआ मन का अंधेरा है उसकी आवाज का सुरीला सम्मोहन है क्या हुआ मन का अंधेरा है उसकी आवाज का सुरीला सम्मोहन है
जो अपने लोग से मिले, शिकवे गिले अनेक मिले! जो अपने लोग से मिले, शिकवे गिले अनेक मिले!
बस मुझे परवाह है मेरी दुनिया मेरे परिवार की जिसके बिखरने के अहसास भर से घबराती हूँ बस मुझे परवाह है मेरी दुनिया मेरे परिवार की जिसके बिखरने के अहसास भर से घबरा...