मान लो कि हमें इश्क़ था ही नहीं मगर मैं पत्थर हूं, ये इल्ज़ाम न दो। मान लो कि हमें इश्क़ था ही नहीं मगर मैं पत्थर हूं, ये इल्ज़ाम न दो।
जाने कितनी रातों से इसी सुबह की बात कर रहा हूँ। जाने कितनी रातों से इसी सुबह की बात कर रहा हूँ।
याद करने को मगर कोई कहानी चाहिए। याद करने को मगर कोई कहानी चाहिए।
ले नाख़ून पे नीली स्याही इक उंगली ऊपर चलती है। ले नाख़ून पे नीली स्याही इक उंगली ऊपर चलती है।
ले-ले हिचकी जान पे बन आई है। ले-ले हिचकी जान पे बन आई है।
इक बड़ा बाज़ार है ये ज़िन्दगी आदमी मिलते यहाँ हर दाम के। इक बड़ा बाज़ार है ये ज़िन्दगी आदमी मिलते यहाँ हर दाम के।