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Prashant Beybaar

Abstract Classics Inspirational

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Prashant Beybaar

Abstract Classics Inspirational

प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए

प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए

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प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए

या गुमाँ रखने को दरिया की निशानी चाहिए


भूल जाने के उसे, किस्से बहुत से याद हैं

याद करने को मगर कोई कहानी चाहिए।


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