प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए
प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए
प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए
या गुमाँ रखने को दरिया की निशानी चाहिए
भूल जाने के उसे, किस्से बहुत से याद हैं
याद करने को मगर कोई कहानी चाहिए।
प्यास हूँ सहरा की मैं, इक बूँद पानी चाहिए
या गुमाँ रखने को दरिया की निशानी चाहिए
भूल जाने के उसे, किस्से बहुत से याद हैं
याद करने को मगर कोई कहानी चाहिए।