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Amrita Rai

Tragedy

2  

Amrita Rai

Tragedy

एक रात

एक रात

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एक रात  

ऐसी आईं जलजला बन सब मिटा गई

हंसती खेलती जिंदगी को जहन्नुम बना गई

क्या बिगाड़ा था उस मासूम ने 

किस गलती की सजा मिल रही

लोगों के बदलते रवैये से फूल से अंगार बन गई

पैसे की दुनिया है साहब पैसा ही पहचान बन गई।।


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