एक फितूर
एक फितूर
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यूँ ही तुझे ढूंढने का ....
एक फितूर सा दिल में जगा ,
सारे सोशल मीडिया पर ,
बस नाम तेरा लिखता गया |
हजारों नाम वाले तेरे जैसे ,
सर्च में मिलते गए ,
हर तस्वीर को मैं जूम करके ,
देखता चला गया |
एक उम्मीद फिर क्यूँ जगने लगी ?
तेरा नाम याद कर करके ,
मैं जो छोड़ चुका था पहले ,
फिर क्यूँ उसमे उलझने लगा ?
तू मिल भी जाती गर तो ,
ये दिल और धड़क जाता ,
तू नहीं मिली ये सोच के ,
मैं रात भर जगता गया |
इतने सालों में भी तेरा नाम ,
याद करके ये दिल मुस्कुराये ,
पहले प्यार का पहला नशा ,
ऐसा चढ़ा कि मैं बिखर गया ||