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Swarna Jyothi

Abstract

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Swarna Jyothi

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एक नाद एक स्वर

एक नाद एक स्वर

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सत्य की आवाज़ तू 

शब्द का अर्थ तू

अर्थ ,धर्म , कर्म, ज्ञान, मोक्ष

तू जीवन का आधार और साक्ष्य

नाश तू निर्माण तू 

ब्रह्म तू ब्रह्मांड तू

             

गगन की गरिमा तू 

मही की महिमा तू

तू लास्य, हास्य, गान,काव्य संसार

नुपुरों की झन्कार घंटियों की टंकार

पवन तू अगन तू

विशाल तू सूक्ष्म तू  

            

 ऋषि का थिर तू

 नदी का बहाव तू

 तू छाया काया मोह माया 

 जड़ चेतन कण कण में समाया

 गिरी की ऊंचाई तू 

 जलधि की गहराई तू


शून्य तू समस्त तू

आदि तू अंत भी तू

तू गूंज तू ही अनुगूंज

एक नाद एक स्वर एक ब्रह्म

सम न जिसका न कोई विलोम

उच्चारते जिसको हैं, ओम।


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