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नविता यादव

Inspirational

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नविता यादव

Inspirational

एक दस्तक

एक दस्तक

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रात की रंगीनियां भी गुम है,

घटा घनघोर अंधेरा सुन्न है

ये हवा में कैसी सुगंध है

ये मौसम में कैसी उमंग है।।


महिनों से राह ताकि है,

आज खेत में खड़ी गेहूं की फसल भी

घर आने के लिए रजामंद है

त्योहार सा माहौल है

संगीत की तान, उठे हर कंठ है।।


पकवानों से महके रसोई में बर्तन है

ग्रहणियों के चित में खिला चितवन है

बालकों की किलकारियों से गूंजा आंगन है

बसंत के मौसम में नशा ज़बरदस्त है।।


खुशी के छलकते जाम है,

फूलों से सज्जित बागान है,

दिलों में उभरते मुहब्बत के निशान है,

बसंत ऋतु की दस्तक देती ख़ुशियों की

सौगात है।।



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