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Ashok Goyal

Romance

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Ashok Goyal

Romance

दवा कह दूँ

दवा कह दूँ

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दर्दे दिल को बता मैं क्या कह दूँ

ज़ीस्त तो ज़ह्र है ! दवा कह दूँ।


आइना, आइना सिफ़त नहीं है

कैसे मैं इसको आइना कह दूँ।


ख़ुद से मिलना भी तो मुहाल हुआ

क्या करूँ ? ख़ुद को लापता कह दूँ।


अजनबी हूँ यहाँ मैं, अपने लिए

तो बता, किसका आश्ना कह दूँ।


लज़्ज़ते दर्द, ग़म, ख़ुशी, आँसू

ज़ीस्त को कैसे बेमज़ा कह दूँ।


ख़ुद को, ख़ुद की ख़बर नहीं आती

तुझमें, इस हद हूँ मुब्तला, कह दूँ।


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