दुख सुख
दुख सुख
होता है सुख सवेरा जैसा,
मिलता सोने से नही,जागने से,
दुख होता है बदली जैसा,
जो कष्ट देकर निकल जाते हैं।
जीवन के चक्र में दोनो ही,
अपनी बहुत अहमियत रखते हैं,
बिन दुख के सुख पता ना चलता,
कष्ट के बाद ही तो,
सुख का मजा है मिलता।
इसलिए ना दुख से कभी घबरा,
और ना ही कभी सुख में इतरा,
ये तो जिंदगी का रोना धोना है,
जीवन में तो सब खोना ही खोना है।