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V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

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V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

दुःशासन हुआ अधीर

दुःशासन हुआ अधीर

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हे गिरधारी, मोहन मुरारी,

तुमने बहुत किये उपकार !


हे नंदलाला, मदन गोपाला,

बस मेरी नैया लगा दो पार !


जल में डुबत गजराज बचायो,

हिरण्याकुश को स्वर्ग पठायो !


 ध्रुव के लिए ध्रुव लोक बनायो,

तुमने द्रौपदी की लाज बचायो !


उसकी कितनी लम्बी हो गई चीर,

भरी सभा में दुःशासन हुआ अधीर !


पूतना राक्षसी के कैसे वध कियो,

और मीरा के बिष को अमृत कियो !


हे गोवर्धन, हे देवकी नंदन,

सारा जग करता तुम्हारा बंदन !


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