STORYMIRROR

Deepak Mandrawal

Classics

3  

Deepak Mandrawal

Classics

राम-राम

राम-राम

1 min
283

राम!श्री

में श्रेष्ठ है, 

राम आराधना 

में आराध्य हैं, 

राम साधना 

में साध्य हैं, 

राम गीता 

में मानस है, 

राम,सीता 

में धैर्य है, 

राम धर्म 

में धारण हैं, 

राम कर्म  

में पुरुषोत्तम है, 

राम गृहस्थ में 

संत-नारायण है, 

राम अंत में 

आदि है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics