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Deepak Mandrawal

Others

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Deepak Mandrawal

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केदार

केदार

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कमल खिला है, कलश में।

बाबा केदार के आंगन में।।


भक्तों की मनोकामना है।

बाबा केदार की घाटी में।।


मैं भी चूम लूं इस घाटी की।

माटी को क्योंकि भक्तों।।


मनोकामना पूर्ण होती है।

बाबा केदार की घाटी में।।


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