"दुआओं में मित्र तेरा असर"
"दुआओं में मित्र तेरा असर"
दुआओं में मित्र तेरा असर है
बाकी रिश्ते लगते बेअसर है
जब तक दोस्ती का सफर है
तब तक जिंदा यह शहर है
बाकी लोगों के साथ क्या रहे,
जब उनके भीतर भरा जहर है
दुआओं में मित्र तेरा असर है
अंधेरे में मिल रही, किरण है
तेरी दुआओं से ही मेरे दोस्त
बदल रहा किस्मत पत्थर है
तेरे साथ से शूल भी लगते,
हमें तो फूलो की कोई नजर है
दोस्ती से हुई जिंदगी मुकर्रर है
बाकी हर जगह फैले मच्छर है
कोई मच्छर फैलाता है, डेंगू,
कोई दे रहा मलेरिया कहर है
इंसान बना कितना मच्छर है
स्वार्थ, ईर्ष्या, द्वेष में सब भूला,
बरसो के भाईचारे का शहर है
दुआओं में मित्र तेरा असर है
इसलिये चमक रहा मुकद्दर है
हर रिश्ता माने गृहस्थी का,
अनिवार्य कर्म की लहर है
फिर देखते है, कैसे न होगी,
हम पर खुदा की कोई मेहर है
दुआओं में मित्र तेरा असर है
खिला चमन, खिला मेरा घर है
चल रही मेरी नैया तूफां में भी,
तेरी पतवार के कारण निडर है
तू रहना साथ मरते दम तक,
तेरे बिन नव साखी बेअसर है