दुआ से रहे
दुआ से रहे
सामने समंदर था फिर भी प्यासे रहे
खारा सही पानी था यहीं दिलासे रहे।
नामो निशाँ मिट गये उनके जहाँ से
जो अपनी जिंदगी में यारो खुदा से रहे।
माँ जबसे छोड़ गई है इस जहाँ को
दामन और दिल सभी महरुम दुआ से रहे।
तुमसे बिछड़के खास कुछ नहीं हुआ
बस जिंदगी से हम खफा-खफा से रहे।
महल तो बहुत बनाये सपनों के हमने
ख्वाबों के थे महल ख्वाबों के हवा से रहे।
