दस्तूर ऐ मोहब्बत
दस्तूर ऐ मोहब्बत


दस्तूर ऐ मोहब्बत यूँ निभाया हमने
पलकों को झुककर हौले से मुस्कुराया हमने
वो कहने लगे इज़हार तो करो गर मोहब्बत है हमसे
लबों को हिलाकर अल्फाज़ों को छुपाया हमने
समेट लो मुझे खुद में खुशबू की तरह
उनको इस बात पर गले से लगाया हमने।