दर्द
दर्द
दर्द दिल का बयाँ करूँ किससे
दर्द देने वाला ही जब अपना है।
बिछड़ गई है उनसे प्रीत अपनी
खुशी तो अब महज सपना है।
दर्द तो अब मेरी किस्मत में है
प्रेम का दर्द तो अब सहना है।
इस दर्द में भी बसी हैं यादें उनकी
इस दर्द में ही अब तो मुझे रहना है।
कौन कहता है कि दर्द बुरा होता है
इस दर्द के बहाने ही साथ रहना है।।
