दर्द मेरा तुम अब जानोगी कैसे?
दर्द मेरा तुम अब जानोगी कैसे?
दर्द मेरा तुम अब जानोगी कैसे ?
मुझको अपना अब मानोगी कैसे ?
तुम्हारे लिए तो मैं अब भी जगता हूँ,
तुम मेरे लिए अब जागोगी कैसे ?
रूठा तो मुझसे मेरा वक्त है ,
अब उसको मनाओगी कैसे ?
दीवार तेरे मेरे दरम्यान बहुत हैं,
अब भला तुम आओगी कैसे ?
प्रेम तुमसे मेरा है सच्चा,
उसको भला तुम भुलाओगी कैसे ?
जी तो रहा हूँ तुम्हारे बगैर भी,
भला तुम बिन मैं अपना घर बसाऊँ कैसे ?
दर्द हद से जब गुजर ही गया,
तो फिर खुशी मनाऊँ कैसे ?
तुम बिन घर बसाऊँ कैसे ?
तुम मानो या ना मानो ,
तुम्हारे लिए अपने जज्बात छुपाऊँ कैसे ?
रूह से रूह दिल से दिल जब मिल ही गये,
फिर जीवन मैं तन्हा बिताऊँ कैसे?
देख दुनिया की हकीकत ,
अब मैं किसी को बताऊँ कैसे?