दर्द का एहसास
दर्द का एहसास
हर बात पर यूँ आँसू बहाया नहीं जाता,
हर बात सबको दिल का बताया नहीं जाता।
सब घूमते हैं आज साथ में लिए नमक,
हर जख्म दिल का सबको दिखाया नहीं जाता।
हो दर्द सही इश्क का ईनाम तो आता,
खाली ही सही हाथ में वो जाम तो आता।
अब तो लबों पे उसके मेरा नाम आ गया,
वो बेवफा है सबसे बताया नहीं जाता।
उनको गुमान था न मुझे बाहें मिलेंगी,
पर थाम हाथ मेरे साथ चलेगी।
मुझको जगह मिलेगी न उनको गुमान था,
पर मौत की आगोश में मेरा समान था।
मिलते हसीन चेहरे हैं दुनिया की भीड़ में,
दिल का जो हंसी हो वो भुलाया नहीं जाता।
सब ही बने हैं दोस्त भले मिलता नहीं मन,
फिर भी सम्हालने को उनका थामा था दामन।
अक्सर वही ठुकराते जिनका साथ देते हम,
हमसे भी अब तो साथ निभाया नहीं जाता।
तेरे प्यार में तो हमने बहुत चोट खाये हैं,
जिसका हिसाब न हो इतने दर्द पाये हैं।
मैं कहता हूं अब खा के तेरे प्यार की कसम,
तेरा नाम बद्दुआ में लिखाया नहीं जाता।
हम दर्द से भी हाथ मिलाते चले गये,
गम में मिले जो आँसू बहाते चले गये।
हम खुद ही जला करते चिरागों सा दोस्तों,
पर दिल किसी का हमसे जलाया नहीं जाता।
वादा किये थे आयेंगे महफिल में उनकी हम,
सोचे थे बिगड़ी बात गजल से ही जाये बन।
हमको दिये हैं दर्द का कुछ ऐसा वो एहसास,
अब गीत प्यार का भी तो गाया नहीं जाता।।