दोस्ती की अहमियत
दोस्ती की अहमियत
जिनकी कभी न की थी आस,
मिले मुझे कुछ लम्हे ख़ास।
उन लम्हों में दर्द भी मिला,
और मिले कुछ मीठे अहसास।
उन लम्हों में कुछ दोस्त मिले,
जिन्होंने दोस्ती का नज़राना दिया।
दोस्ती की सच्चाई, प्यार और
पवित्र भावना का ख़ज़ाना दिया।
पहले..ज़िन्दगी को मैं बोझ समझती थी,
दोस्तों ने मुझे जीना सिखाया।
उन्होंने मुझे हँसना सिखाया,
मैंने जीवन का अर्थ उन्हीं में पाया।
धीरे-धीरे वक़्त रेत की तरह फिसलने लगा,
जीवन का विस्तार हुआ।
जीवन के समंदर में तूफ़ान आया,
और ग़म का एक सैलाब उठा।
अब..हम हैं और तन्हाई है,
दोस्तों की कमी समझ आयी है।
दोस्तों के बिना ज़िन्दगी रास नहीं आयी है,
अब...हर लम्हा हमने मौत ही तो पायी है।।