दोस्त
दोस्त
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दोस्ती में
दोस्त का खुदा होता है
इसीलिए उसका अंदाज़
कुछ ज़ुदा होता है
रहता है पल-पल साथ
फिर भी लगता है
जाने कहाँ और
किस ख़्याल में
गुमशुदा होता है
मेरी नुमाइशें
उसकी ही
आज़माइशें है शायद
तभी उसकी
इतनी फरमाइशें है
वो खुदा है
शायद इसीलिए ज़ुदा है
या यह कहूं
वो मेरे लिए
सांस है, दिल है
धड़कन है और वो हर शै है
जो वो हो सकता है
या मैं महसूस कर सकता हूं।