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Sanjay Jain

Romance

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Sanjay Jain

Romance

दोष आँखों का है ?

दोष आँखों का है ?

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आँखों ने देखा तुम्हें और मन व्याकुल हुआ।

अंदर ही अंदर प्यार हमारा उमड़ पड़ा।

और दिल मेरा तुम्हें चहाने लगा।

अब तुम ही बताओ भला,

इसमें आँखों का क्या 

दोष है ?


प्यार मोहब्बत को पढ़ना आसान नहीं।

मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं।

इस राह पर वो ही चल पाते हैं।

जिनके दिल इंसानियत के लिए मचलते हैं।।


हवाओं के झोंके से संदेशा मिलता है।

सावन के महीने में दिल 

बहुत मचलता है।

 हल्की हल्की बारिश में, मिलने को दिल करता है।

क्या प्यार मोहब्बत में ऐसा कुछ होता है?


प्यार मोहब्बत में जीने वाले,

बहुत कम होते हैं।

जो इसमें जीते है,

 वो कांटो से डरते नहीं।

और अपनी मोहब्बत को परवान चढ़ाते है।

लाखो लोगों के बीच रहते हुए भी,

अपनी मोहब्बत को अमर कर जाते हैं।

और प्यार मोहब्बत की एक नई परिभाषा, 

इतिहासकारों के लिए लिखने को छोड़ जाते है।


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