STORYMIRROR

Ashish Vairagyee

Drama

5.0  

Ashish Vairagyee

Drama

दो किनारे

दो किनारे

1 min
13.8K


एक प्यास है ज़रूरी
औऱ थोड़ी ही है दूरी
किनारों को है मगर
न मिलने की मजबूरी
हम दरिया नहीं हैं
महज़ किनारे है
हम मिल नही पाएंगे

सबपर खुशी लुटाएंगे
ज़िन्दगी काट के ही जाएंगे
अपनी ही ख़ुशियों का मगर
हम ज़रिया नही है,
हम दरिया नही हैं
महज़ किनारे हैं
हम मिल नही पाएंगे।

जो होगा हमारे दरमियाँ
वो रहेगा अपना ही यहाँ
ज़माना भी उसको हमारा कहे
ऐसा कुछ नज़रिया नही है
हम दरिया नही हैं
महज़ किनारे हैं
हम मिल नही पाएंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama