Ravi Jha

Drama

5.0  

Ravi Jha

Drama

दंव्द

दंव्द

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अल्फाज़ की तलाश में 

खो रहा आकाश में 


धरती चीख रही है 

अंबर पुकार रहा है 


धरती अंबर के दंव्द में 

सोच रहा इंसान है 


अरे पूछ अपने ज़मीर से 

उसके क्या ख्याल है।


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