दिल्ली लहूलुहान है..
दिल्ली लहूलुहान है..
दिल्ली लहूलुहान है
धुआँ धुआँ सा आसमां है
कहीं हिन्दू है
कहीं मुसलमान है
पर दीखता नहीं इंसान है
दिल्ली लहूलुहान है
भारत की पावन धरती पर
होता कुछ घमासान है
कहीं जलती हुई गाड़ियों से
उठता धुआँ
कहीं जातियों के नाम पर
खुदता है कुआँ
कोई गोली से होली मना रहा
कोई बम से दीवाली मना रहा
रास्ते बिखरे हैं कुछ टूटे हुए
पत्तों की तरह
जाने कैसे खुश इंसान है
दिल्ली लहूलुहान है
धुआँ धुआँ सा आसमां है
आओ मिलकर बंद करें हम
मौत के कुएँ जैसा खेल
एक कदम बड़ा कर देखो
आज करा दे सबका मेल
फिर से समय ले आये हम तुम
जहाँ खिलता हुआ मंज़र हो
अपनी दिल्ली प्यारी दिल्ली
हर इंसान के अंदर हो
मिलकर हम सब बचाएंगे अब
न कोई द्वेष रहेगा मन में
निकलेंगे फिर से सूरज की तरह
रोशन होगी दिल्ली दिल में
