दिल टूटा मुहब्बत में
दिल टूटा मुहब्बत में
आज उसनें बेसहारा कर दिया !
प्यार में उसनें ख़सारा कर दिया
चाँद वो छत पर न आया रात भर
राह में उसकी सवेरा कर दिया
इसलिए दिल में उदासी है भरी
प्यार मेरा कल गवारा कर दिया
प्यार के इतने करे उसनें सितम
जख़्मी जख़्मी दिल हमारा कर दिया
तोड़ दी है तल्ख़ बातों की हदें
प्यार का हर शब्द खारा कर दिया
रोज "आज़म" देखते थे प्यार से
आज आंखों से इशारा कर दिया।
आज़म नैय्यर