Chetan Sanmotra
Drama Romance
आदत नहीं मुझे
इस धड़कन की
मेरे पास मत आ...
तेरे पास होने से
"ज़िंदा हूँ"
- ये एहसास - सा होता है...!
दिल से निकले ...
मुझे माफ करना जो तुमको रुलाया कभी भूले से तेरा दिल जो दुखाया मुझे माफ करना जो तुमको रुलाया कभी भूले से तेरा दिल जो दुखाया
बढ़ चढ़ कर बड़ी बातें करते, हमसे बड़ा न और कोई है बढ़ चढ़ कर बड़ी बातें करते, हमसे बड़ा न और कोई है
तू ख़्वाब अधूरा मगर सुंदर बहुत है तू दर्द है सीने में... ये राहत बहुत है तू ख़्वाब अधूरा मगर सुंदर बहुत है तू दर्द है सीने में... ये राहत बहुत है
हुई पुरानी चार दिन वो, खटकन लागी हर आंखों को। हुई पुरानी चार दिन वो, खटकन लागी हर आंखों को।
अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर ! अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर !
माँ आज भी चूल्हे पर बैठी गुड़ की चाय बना रही है माँ आज भी चूल्हे पर बैठी गुड़ की चाय बना रही है
सूने घर में कोई बालक जब किलकारी भरता है उसके मधुर स्वर से ही तो दोनों को बल मिलता है सूने घर में कोई बालक जब किलकारी भरता है उसके मधुर स्वर से ही तो दोनों को बल ...
सबके बदल चुके है, आज ख्यालात जहां पर पैसा, वहां होती भीड़ आयात जो गरीब है, सबके बदल चुके है, आज ख्यालात जहां पर पैसा, वहां होती भीड़ आयात जो गरीब है,
खुद्दारी के दामन में उनका ही दम घुटता है। जो चापलूसी से सांसो का रिश्ता रखता है। खुद्दारी के दामन में उनका ही दम घुटता है। जो चापलूसी से सांसो का रिश्ता रखता ...
इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है। इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है।
बिगड़ी हुई आबोहवा ने, छीन लिया मीत प्यारा अब तो रोशनी में भी दिख न रहा, कोई हमारा बिगड़ी हुई आबोहवा ने, छीन लिया मीत प्यारा अब तो रोशनी में भी दिख न रहा, कोई हम...
रहिए ना अब ऐसे भरम में मिलेंगे हम अब अगले जनम में रहिए ना अब ऐसे भरम में मिलेंगे हम अब अगले जनम में
दुनिया में दया की कमी नहीं बस तुम्हें सबको अपना मानना चाहिए दुनिया में दया की कमी नहीं बस तुम्हें सबको अपना मानना चाहिए
हक से लड़ना, रोना, चिल्लाना फिर एक दूसरे को माफ करना हक से लड़ना, रोना, चिल्लाना फिर एक दूसरे को माफ करना
गृहस्थी में तपस्वी तेज से ज्यादा है, तपन शीशे से ज्यादा नाजुक है, गृहस्थ जीवन गृहस्थी में तपस्वी तेज से ज्यादा है, तपन शीशे से ज्यादा नाजुक है, गृहस्थ जीवन
लिखे तेरे प्यार को मैं पढ़ रही थी खत लगाकर दिल से महसूस तुझे कर रही थी लिखे तेरे प्यार को मैं पढ़ रही थी खत लगाकर दिल से महसूस तुझे कर रही थी
बचपन की शरारतें और यादें ऊर्जा से भर देती है l लड़कपन की इतराती, इठलाती यादें दिल को बचपन की शरारतें और यादें ऊर्जा से भर देती है l लड़कपन की इतराती, इठलाती यादे...
डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं। डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं।
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
मलिन पड़ता सारा तेज भी मेरी वीरों में न होती गिनती कहीं मलिन पड़ता सारा तेज भी मेरी वीरों में न होती गिनती कहीं