दिल पे दस्तक
दिल पे दस्तक
जिंदगी रूठ गई जाने
कहाँ खो गई एक दायरे में सिमट गई खोजता हूँ घनघोर
आंधेरो में रास्ता जिंदगी की चाहतों का वास्ता।।
जिंदगी के सब दरवाजे बंद, बंद दरवाजो दस्तक दे रहा हूँ.
खत्म ना हो जाये अरमान आरजू ज़िंदगी सिर्फ रह जाए.
जीने का नाम।।
हिम्मत जोश ताकत से जिंदगी को चाहो की राहों के
बंद दरवाजे पर दस्तकदे रहा हूँ।।
बंद दरवाजे की दस्तक का शोर बहुत आवाज नहीं
सारी कोशिशें करता थक हार जाता उदास निराश।।
दिल से आती आवाज क्यों होता परेशान होगा
कोई इंसान तेरे लिये फरिश्तेसामान।।
तेरी जिंदगी के मुकाममं जिल का हमसफ़र दोस्त जिंदगी की
राहों के बंद दरवाजों पर तेरी दस्तकको करेगा कामयाब।।
सुन जिंदगी के मुसाफिर खुद के दिल के बंद दरवाजों
दस्तक दे तेरे ही दिल से गुजरतीतेरे जिंदगी की कस्ती।।
दिल के बंद दरवाजों परदी दस्तक खुल गए सच्चाई
मान इंसान के द्वार खुद के दिल मे ही खुदा का हो गया दीदार।।
जिंदगी की राहों का खत्म हो गया अंधकार चाँदनी सी धवल
नव कोमल कली सीजन्नत की परी सामने मंजिल सी खड़ी।।
बंद दरवाजों पर मेरी दस्तक कीआवाज गायब
मीठी सी आवाज लबों पे मधुर मुस्कान जिंदगी की मंजिल राह की शान।।
खत्म हो गयी मायूसी निराशा आशा
विश्वास की जागी खूबसूरत जज्बे की चिंगारी ज्वाला।।
खुल गए जिंदगी के सभी रास्ते टूटे सारे अवरोध बेफिक्र चल पड़ा
जिंदगी की राहों में अकेला कारंवा बनता गया
जिंदगी अरमनो की तमाम मंजिलें जमी आसमान मुठ्ठी में बंद।।

