दिल के ख्वाब
दिल के ख्वाब
दिनभर ख्वाबों में तुमसे बातें करतीं हूँ
कभी हकीकत में तुम भी कुछ बात करो
हम तो दिल ही दिल में मरते हैं
कभी तुम भी हमारी अदाओं पे मरो।
हम जज्बात बताने में थोड़े कच्चे हैं पर
सुना है तुम तो कुछ बेबाक से रहते हो
सुना है तुम्हारे दिल की बातें अक्सर
तुम लोगों से यूँ बेधड़क ही कहते हो
मेरे ख्वाबों में आकर प्यार करना भी
आखिर तुमने ही मुझे सिखाया था
मैं भी एक दिन ख्वाबों में आऊंगी
तुमने ही तो मुझे ये सब बताया था
तो चलो बताओ अब कि मैं भी अब
ऐसे ही तुम्हारे ख्वाबों में आती हूँ क्या
हकीकत में तो हिम्मत नहीं होता पर
ख्वाबो में दिल की बात बताती हूँ क्या
इंतजार कर लिया ख्वाबों ही ख्वाबों में
अब यूँ ही इंतजार करना मुश्किल है
कभी तो ख्वाबों से निकल कर कहो कि
ये दिल हकीकत में तुम्हारे काबिल हैं.