दिल का रिश्ता
दिल का रिश्ता
कुछ रिश्ते जो खून के रिश्तों
से भी बढ़कर नजर आते हैं
एहसास अपनेपन का दिलाते हैं
बताओ वो रिश्ते क्या कहलाते हैं।
बात दिल की कहे बिना समझ जाते हैं
खुशी हो या गम हर पल साथ निभाते हैं
बताओ वो रिश्ते क्या कहलाते हैं।
पतझड़ में बसंत का एहसास दिलाते हैं
साया बन हर कदम पर साथ निभाते हैं
बताओ वो रिश्ते क्या कहलाते हैं।
दवा हर दर्द की बन जाते हैं
मरहम जख्म पर लगाते हैं
सुकून दिल को पहुंचाते हैं
बताओ वो रिश्ते क्या कहलाते हैं।
मेरे रोने पर रोते जो
मेरे हंसने पर मुस्कुराते हैं
बताओ वो रिश्ते क्या कहलाते हैं।