दिल का रिश्ता
दिल का रिश्ता
ऐसा रिश्ता जो हर छोटी-मोटी नोक- झोंक ,
उतार- चढ़ाव, मन- मुटाव
के बाद दिल से अपनी गलती का का एहसास होने पर,
दिल से माफ़ी मांगते हुए होंठों पर हल्की मुस्कान के साथ गले लगाकर अपनेपन,
का एहसास दिलाकर
पुनः पहले जैसा ही हो जाए।
वही रिश्ता 'दिल का रिश्ता' कहलाता है।
चाहे गलती किसी की हो
दिल का रिश्ता यह एहसास ही नहीं कभी होने देता की ,
किसकी गलती है? किसकी नहीं !
क्योंकि दिल का रिश्ता निष्ठा और समर्पण नामक दो ऐसी डोर से बंधी होती है ,&nbs
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जो हर पल उन्हें एक-दूसरे की कमी का एहसास कराते हुए,
जन्मो- जन्मांतर तक एक-दूसरे से जोड़े रहता है,
एक- दूसरे को संग जोड़े रखता है।
क्योंकि दिल के रिश्ते में अटूट मोहब्बत होती है ।
एक-दूसरे से शिकायत नहीं!
जिसमें शरारत भी होती है तो शराफत से सराबोर।
सच -मुच हल्की नोक - झोंक के साथ पुनः एक-दूसरे की गलतियों को माफ करते हुए,
एहसास करते हुए ।
वापस होंठों पे मधुर मुस्कान के साथ गले लगकर रूह तक
जुड़ जाने वाला रिश्ता ही दिल का रिश्ता होता है।।