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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

दीवाने

दीवाने

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दो पल में क्या होगा

नहीं किसी को मालूम 

प्यार में हर पल गुजरे

कर दे दिल एक बालम 


मत सोच तुझे क्या होगा

जो होगा सो तो होगा 

जी ले ये जिन्दगी खुलकर 

ये आज गुजर जायेगा


फ़िर कल ना दुबारा होगा 

इंतजार क्या करता

सोच ना ज्यादा पगले 

बन जा तू दीवाना


दीवाने होंगे अगले 

झूम ले अब मस्ती में

कर दे शाम रंगीली 

दिल के गहरे दरिया में

कर दे मस्ती अब गीली 


जब कली फूल बनती है

भंबरे गाना गाते हैं 

तितली उड़ती बागों में

पंछी किलकार लगाते 


दो दीवाने मिलते हैं

मैदानी चादर पर 

प्यार का होता संगम

सबनम के सागर पर।


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