दीप जलायें
दीप जलायें
आओ हम सब दीप जलायें
अंतर तम को दूर भगायें
आओ हम सब दीप जलायें,
जीवन की इस कठिन डगर में
प्रकृति के इस महाकहर में
विश्वासों की जोत जलायें,
आओ हम सब दीप जलायें।
घोर अंधेरा विश्व पर छाया
राहु से उजियारा हारा
करें जतन बाती सुलगायें,
आओ हम सब दीप जलायें।
दीप से दीप जलाएं मिलकर
महल अटारी झोपड़ी या घर
अवलंबों के हाथ बढ़ायें,
आओ हम सब दीप जलायें।
राम हमारी आस हैं
जन जन का विश्वास है
आओ पलक पांवड़े बिछायें
आओ मिलकर दीप जलायेँ।