STORYMIRROR

Shashipal Sharma

Action Drama

2  

Shashipal Sharma

Action Drama

दीदी खा गई आम

दीदी खा गई आम

1 min
14.3K


आज की कविता आम खा गई


छुपकर छोटे भाई का।


फिर भी निक्कू जान गया सब


कारण बना लड़ाई का ।


लेकर तकिया खड़ा हो गया


हुई जंग की तैयारी ।


ज़ोरों से चिल्लाया दीदी


पगली अक़ल गई मारी ।


आम खा लिया अब खा तकिया


कहकर तकिया दे मारा ।


लपक लिया उसको दीदी ने


निक्कू हारा बेचारा ।


पटके पाँव चल पड़े घूँसे


लेकिन जीत नहीं पाया ।


रोने लगा बेचारा थककर


दीदी ने तब सहलाया ।


मेरे प्यारे निक्कू मुझको


माफ़ी दे दो पकड़ूँ कान।


कहो चीरकर पेट निकालूँ


आम तुम्हारा देकर जान ।


यह सुन लिपट गया दीदी से


निक्कू आँसू लगा बहाने।


मेरी प्यारी दीदी ऐसे


आम नहीं हैं मुझको खाने।।


आम भले सारे खा जाए


मेरी दीदी अमर रहे।


राखी तिलक तुम्हारे प्यारे


ऐसी बात न कभी कहे।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action