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Sachhidanand Maurya

Inspirational

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Sachhidanand Maurya

Inspirational

धूम्रपान छोड़ देंगे

धूम्रपान छोड़ देंगे

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तू क्यूँ फेफड़ों को जलाता है?

तू क्रूर बड़ा ये क्यूँ जताता है?

जिसके चलने से तू रोशन होता,

भला उसे तू क्यूँ जलाता है?


हास्य का द्योतक नशे में चूर आदमी,

बुरी लत में फंसा है मजबूर आदमी,

लुटती जिंदगियाँ, फसादों का जड़ भी,

सेवन से इसके होता है क्रूर आदमी।


खैनियों को खा खा के ,

जबड़े तुम्हारे सट रहे,

जो काटने में थे सहायक,

भोजन में आज वही कट रहे।


धूम्रपान का परिणाम होता है भयंकर,

जिंदगी का कुछ तो कर लिहाज,अब तो डर,

हमने देखें हैं लाखों यहाँ बर्बाद होते,

अस्पताल में होता है मौत का खतरनाक मंजर।


लेना हमे हैं प्रण यहाँ अब,

बुरी आदतों का रुख मोड़ देंगें,

बनाएंगे नशा मुक्त भारत,

हम धूम्रपान छोड़ देंगें।


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